Param Sundari Movie Review: कुछ फिल्में अपने पहले लुक से ही दर्शकों का दिल जीत लेती हैं, और परम सुंदरी भी ऐसी ही एक फिल्म है। जब इसका पहला लुक रिलीज हुआ, तो सिद्धार्थ मल्होत्रा और जान्हवी कपूर की जादूई कैमिस्ट्री ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया था। फिर फिल्म का ट्रेलर आया और वह भी लोगों की पसंद बन गया। और अब, बड़े पर्दे पर उतरते ही, परम सुंदरी ने अपनी जगह बना ली है।
सिंपल और प्यारी लव स्टोरी
आज के समय में, जहां कुछ फिल्मों में ज्यादा जोरदार संवाद और भारी-भरकम संदेशों का शोर होता है, परम सुंदरी बिल्कुल अलग है; यह एक सिंपल और प्यारी प्रेम कहानी है, जो बिना ज्यादा शोर किए, सीधे आपके चेहरे पर एक खूबसूरत मुस्कान छोड़ जाती है।
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फिल्म की कहानी
फिल्म की कहानी है परम (सिद्धार्थ मल्होत्रा) की, जो एक दिल्ली का नौजवान है, जो अपने पिता (संजय कपूर) की अरबों की संपत्ति पर कामयाब स्टार्टअप्स लगाकर धन बढ़ाने की जिद्द में लगा रहता है। लेकिन उसकी किस्मत ने अब तक हर मशहूर प्रोजेक्ट को फ़ेल ही साबित किया है। एक नया आइडिया लेकर जब वह फिर कोशिश करता है, एक ऐसी ऐप जो आपकी “सोलमेट” खोजी जाने की बात करती है, तब उसके पिता उसे एक आखिरी मौका देते हैं: या तो वो खुद अपनी सोलमेट ढूंढकर साबित करे कि यह ऐप काम करती है, या फिर उनके पैसे से एक और फ्लॉप प्रोजेक्ट घोषित होजाए।
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तभी उसे केरल में रहने वाली सुंदरी (जान्हवी कपूर) से मैच मिल जाता है। सोचा-समझा कदम और ऐप की विश्वसनीयता जांचने के लिए परम सीधे वहां पहुंचता है। सिद्धार्थ मल्होत्रा ने इस भूमिका में बहुत संतुलित अभिनय किया है, जहांउनकी कॉमिक टाइमिंग में स्वाभाविकता है, वहीं इमोशनल सीन्स में दर्द और तूफ़ान का एहसास दिलाने की काबिलियत भी।
एक्टर्स ने कैसा काम किया??
जान्हवी कपूर का अभिनय बेहद सहज, आत्मविश्वासी और संवेदनशील है। वे अपने किरदार को ज़िंदादिली से पेश करती हैं। दोनों की केमिस्ट्री आपके दिलों को छू जाती है। संजय कपूर ने पिता के रोल में व्यंग्य और स्नेह का अद्भुत संतुलन रखा है, हंसाते भी हैं पर भावनाओं की गहराई भी रखते हैं। मंजोत सिंह अपनी कॉमिक टाइमिंग से फिल्म में हल्का-फुल्का ह्यूमर भरते हैं। इनायत वर्मा अपनी मासूमियत और शानदार अभिव्यक्ति के साथ स्क्रीन पर छा जाती हैं। रेंजी पनिक्कर और सिद्धार्थ शंकर ने सुंदरी के परिवार को अपनापन और गुणवान भावना दी है।
फिल्म का निर्देशन
फिल्म का निर्देशन तुषार जलोटा की सूझ-बूझ का परिणाम है, बिना जोर-शोर के, भावनात्मक सादगी से भरी कहानी। दिल्ली की चमक-दमक और केरल की हरियाली को समान ऊर्जा और दिलकश तरीके से दिखाया गया है। हर लोकेशन, हर सीन, एक दूसरे से जुड़ा हुआ प्रतीत होता है, जैसे किरदारों की भावनाएँ खुद को वहां व्यक्त कर रही हों।
'परम सुंदरी' का म्यूजिक
इस फिल्म का सबसे मजबूत पहलू है इसका संगीत, जो न सिर्फ सुनने में सुंदर है, बल्कि फिल्म को आगे लेकर चलता है । हर गीत कहानी के भावों को आगे बढ़ाता है। "पर्देसिया", "भीगी साड़ी" "चांद कागज़ का" और "सुन मेरे यार वे" सभी गाने बहुत सुन्दर है और टाइटल ट्रैक "सुंदरी के प्यार में" पहले से ही चार्टबस्टर बन चुका है।
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सादा और सरल प्रेम कहानी
परम सुंदरी एक दूसरी तरह की प्रेम कहानी है कि जहां कोई ड्रामिटिक मोड़ नहीं, कोई भड़कीले इमोशन नहीं, बस एक सादा, सरल लेकिन गहरा एहसास जिसकी मिठास लंबे समय तक साथ रहती है।
मैडॉक फिल्म्स की मूवी
दिनेश विजान द्वारा निर्मित और मैडॉक फिल्म्स के बैनर तले बनी यह फिल्म बस चुपचाप आपके दिल को छू जाती हैं। यह फिल्म एक बार फिर साबित करती है कि मैडॉक फिल्म्स को पता है कि दिल जीतने वाली कहानियां कैसे सुनाई जाती हैं सादगी, एहसास और मुस्कराहट के साथ।
आखिरी फैसला
तुषार जलोटा के निर्देशन में बनी 136 मिनट की इस फिल्म को 4 स्टार्स मिले हैं। फिल्म में सिद्धार्थ मल्होत्रा और जान्हवी कपूर के अलावा रेंजी पणिक्कर, सिद्धार्थ शंकर, मंजीत सिंह, संजय कपूर और इनायत वर्मा भी मुख्य किरदार में होंगे।