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Panchayat Season 3 Review: Prime Video पर वेब सीरीज ‘पंचायत 3’ देखने से पहले पढ़ लें रिव्यू

Panchayat Season 3 Review: प्राइम वीडियो की वेब सीरीज पंचायत असल हिंदुस्तान दिखाता है। गांवो में बसने वाले देश की वो तस्वीर पेश करता है। चंदन कुमार की राइटिंग और दीपक कुमार के डायरेक्शन का ये कमाल ही है कि सीज़न दर सीज़न – पंचायत हर बार और निखरकर सामने आ रहा है। चलिए बताते है कि इसका नया सीजन दर्शकों के लिए नया लेकर आया है।

Panchayat 3
Panchayat Season 3 Review/Ashwani Kumar: पंचायत का तीसरा सीजन प्राइम वीडियो पर स्ट्रीम हो रहा है... 8 एपिसोड वाले इस सीजन में पंचायत की कहानी में पॉलिटिक्स ने गहरी जड़े जमा ली हैं। विधायक से लेकर, सांसद तक फुलेरा की इस राजनीति में उलझकर रह गए हैं। अपने इन तीन सीजन में पंचायत (Panchayat 3) ने ओटीटी को समझाया है कि भारी-भरकम सेट नहीं, बड़े-बड़े स्टार नहीं... प्रमोशन के लिए प्रपंच नहीं, बल्कि एक दमदार कहानी, अगर पूरी सेंसिबिलिटी के साथ दिखाई जाए, तो वो किसी भी हीरामंडी का गुरूर तोड़ सकता है। पंचायत दरअसल असल हिंदुस्तान दिखाता है। गांवो में बसने वाले देश की वो तस्वीर पेश करता है, जो ओटीटी या फिल्मों तो क्या... न्यूज़ चैनल्स की कवरेज से भी दूर हो चुका है, जो बुलेट ट्रेन, मंदिर-मस्जिद, स्मार्ट सिटी से बाहर अपने ही स्वाभिमान की लड़ाई लड़ रहा है।

स्वदेस के शाहरुख की आई याद

गौर कीजिएगा तो पंचायत की कहानी में सचिव जी यानि अभिषेक का कैरेक्टर दरअसल शाहरुख खान की फिल्म स्वदेस जैसा है। इसका अंदाज और मिजाज भी बहुत कुछ वैसा ही है। जहां इंजीनियरिंग और मैनेजमेंट की तैयारी करने वाला एक शहरी लड़का, जब बलिया जिले के फुलेरा गांव की पंचायत (Panchayat 3) में सचिव बनने सिर्फ इसलिए आता है, कि वो जल्द से जल्द तैयारी करके इन सबसे बाहर निकल जाएगा। मगर फुलेरा में उसे प्यार, मकसद और अपनेपन का अहसास मिलता है। फुलेरा के सारे किरदार, जिसमें बृज भूषण दूबे, प्रधानपति हैं। जब से इस पंचायत को महिला सीट का दर्ज़ा मिला है, वो अपनी पत्नी मंजू देवी को प्रधान बनवाकर उनकी जगह राजनीति कर रहे हैं। हांलाकि उनकी राजनीति किसी को ठगने वाली नहीं, बल्कि प्रधान के पद के ठसक वाली है। अपने पति और बेटी के इर्द-गिर्द जिस मंजू देवी की ज़िंदगी घूमती है, वो प्रधान बनकर ना सिर्फ शिक्षित बनती है, बल्कि आत्म-निर्भर भी। https://www.instagram.com/p/C7e4CJMvee-/

'पंचायत 3' की कहानी (panchayat season 3)

इस तीसरे सीजन में जब मंजू देवी की बेटी रिंकी उन्हे बांस पकड़ाती है, जिसके साथ प्रधान मंजू देवी एक कबूतर पालने वाले फुलेरा पूर्व के निवासी बम बहादूर के साथ खड़ी होती है, तो आपको अहसास होता है कि असली नारी उत्थान, सिर्फ़ शिक्षा, कपड़ों या सुविधा से नहीं, बल्कि सशक्त सोच से आती है। फुलेरा के उप-प्रधान प्रहलाद चा, जिनके सैनिक बेटे राहुल के शहीद होने के बाद, पिछले सीजन ने सबको रुला दिया था, इस तीसरे सीजन में उनकी उदासी, उनकी खामोशी हर दिल को कचोटती है। डीएम ऑफिस में जब प्रधान मंजू देवी से प्रहलाद कहते हैं कि समय से पहले कोई नहीं जाएगा। कोई नहीं, तो आपके रोंगटे खड़े हो जाते हैं। गांव के पानी की टंकी पर चढ़कर, बाहुबली विधायक के हथियारबंद सिपाहियों का जवाब, जब प्रहलाद हवा में पहली और आखिरी गोली को दागकर करते हैं। तो ये एक बेटे की मौत से टूटे बाप का, अपने गांव के सम्मान के लिए मजबूत दीवार बनकर खड़े होने वाला पल होता है।

बागपत फाइट सीन किया री-क्रिएट

बनराकस भूषण, उसकी पत्नी क्रांति देवी और बिनोद का विधायक चंद्र किशोर सिंह से मिलकर फुलेरा गांव को पूरब और पश्चिम की राजनीति में बांटना, जैसे देश को धर्म और जाति में बांटने वाले राजनीतिक नुस्खों पर हमला करता है। और इस बार पंचायत 3 की कहानी में साजिश, थ्रिल और एक्शन सब एक साथ मिलकर गया है। जिसके गोली-बारी से लेकर, विधायक के लोगों के साथ हॉस्पिटल के आगे लात-घुंसों तक में, तकरीबन दो साल पहले हुई बागपत में वायरल चाट भंडार फाइट वाले सीन को री-क्रिएट कर दिया गया है। एक शानदार राइटिंग का बेजोड़ नमूना है ये। सचिव जी और प्रधान जी की बेटी –रिंकी के बीच छिप-छिप आगे बढ़ते प्यार की खुश्बू भी पंचायत 3 में और गहरी होती जा रही है। और ये सब मिलकर, टीवीएफ की पंचायत को इंडियन ओटीटी का देसी ब्लॉकबस्टर शो बनाते हैं।

डायरेक्शन का कमाल (Panchayat Season 3)

चंदन कुमार की राइटिंग और दीपक कुमार के डायरेक्शन का ये कमाल ही है कि सीज़न दर सीज़न – पंचायत हर बार और निखरकर सामने आ रहा है। इस सीज़न के क्लाइमेक्स में अगले पंचायत चुनावों का जो स्टेज सेट किया गया है, वो सीज़न 4 के लिए बेसब्री को और भी ज़्यादा बढ़ाने वाला है। पंचायत का हर किरदार – मंजू देवी के किरदार में नीना गुप्ता, प्रधानपति के किरदार में रघुबीर यादव, सचिव जी के किरदार में जितेन्द्र कुमार, प्रहलाद चा के किरदार में फैसल मलिक, ऑफिस असिस्टेंट चंदन के किरदार में चंदन रॉय, भूषण के किरदार में दुर्गेश कुमार, क्रांति देवी के किरदार में सुनीता राजवर, एमएलए चंद्र किशोर के किरदार में पंकज झा, बिनोद के किरदार में अशोक पाठक, हर किरदार कास्टिंग ब्रिलिएंस का नमूना है। ओटीटी स्पेस में पंचायत सीरीज़ ने एक स्टैंडर्ड सेट किया है और इसका पंचायत 3 के स्टेटस को और ऊपर लेकर जाता है। 'पंचायत सीजन 3' को 4 स्टार।

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