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13 की उम्र में गुपचुप शादी, लता मंगेशकर संग झगड़ा; दिलचस्प हैं ‘सुरों के सरताज’ के ये अनसुने किस्से

Mohammed Rafi 100th Birthday: 'सुरों के सरताज' ने महज 13 साल की उम्र में गुपचुप शादी रचाई थी। वहीं इंडस्ट्री में लता मंगेशकर के साथ उनके विवाद ने काफी सुर्खियां बटोरी थी। आइए जानते हैं उनकी लाइफ से जुड़े अनसुने किस्से।

Mohammed Rafi 100th Birthday: 'सुरों के सरताज' मोहम्मद रफी आज भी करोड़ों दिलों पर राज करते हैं। 24 दिसंबर को उनकी 100वीं जयंती है। इस खास मौके पर हम आपको उनसे जुड़े कुछ अनसुने किस्से बताने जा रहे हैं। क्या आप जानते हैं कि महज 13 साल की उम्र में मोहम्मद रफी ने गुपचुप तरीके से शादी रचाई थी। वहीं इंडस्ट्री में आने के बाद लता मंगेशकर संग भी उनका विवाद हो गया था। आइए आपको बताते हैं आखिर इन किस्सों के पीछे का कारण क्या था?

पंजाब के छोटे से गांव में जन्में रफी

मोहम्मद रफी का जन्म 24 दिसंबर 1924 में पंजाब के छोटे से गांव कोटला सुल्तान सिंह में हुआ था। रफी की पढ़ाई में कोई दिलचस्पी नहीं थी। वह 9 साल की उम्र में अपने बड़े भाई के साथ सलून चलाया करता थे। वहीं बचपन से ही उनकी संगीत में रुचि बढ़ गई थी। गली में सूफी फकीर को गाता देख उन्होंने भी ठान लिया था कि वह सिंगर बनेंगे।

चाचा की बेटी से रचाई थी शादी

सुरों के सरताज को उनके परिवार वाले 'फीकू' कहकर बुलाते थे। जब वह 13 साल के थे तब उन्होंने शादी रचा ली थी। वहीं दुनिया को इसके बारे में नहीं बताया था। सिंगर ने अपने चाचा की बेटी बशीरन बेगम से घरवालों की मौजूदगी में निकाह किया था। हालांकि शादी के कुछ साल बाद ही दोनों अलग हो गए थे। इसके बाद सिंगर ने 19 साल की उम्र में बिलकिस से शादी की थी। यह भी पढ़ें: ‘श्रीवल्ली’ ने रूमर्ड बॉयफ्रेंड विजय देवरकोंडा की फैमिली संग देखी Pushpa 2, फोटोज वायरल

लता-रफी का विवाद

मोहम्मद रफी और लता मंगेशकर ने साथ में कई सुपरहिट गाने दिए हैं। लेकिन एक समय था जब दोनों में विवाद इतना बढ़ गया था कि लता ने रफी से चार साल तक बात नहीं की थी। दरअसल गाने की रॉयल्टी के भुगतान के मुद्दे पर दोनों में विवाद हो गया था। लता मंगेशकर चाहती थीं कि सिंगर्स को रॉयल्टी मिलनी चाहिए। वहीं मोहम्मद रफी का विचार इससे उलट था। रफी का मानना था कि गाना रिकॉर्ड हो जाने के बाद सिंगर्स का उस पर कोई हक नहीं रहता।

कैसे हुआ समझौता?

लता ने जब ये मुद्दा निर्माताओं के सामने उठाया तो उन्हें लगा रफी उनका समर्थन करेंगे। लेकिन रफी ने उनका समर्थन नहीं किया और लता ने नाराज होकर कह दिया था कि वह आज के बाद रफी के साथ गाना नहीं गाएंगी। मोहम्मद रफी की लिखी किताब के मुताबिक जब सुमन कल्याणपुर को ज्यादा जगह मिलने लगी तब लता ने शंकर-जयकिशन से कहा कि वह मोहम्मद रफी से उनकी सुलह करा दें। इसके बाद तकरीबन 4 साल के बाद दोनों में बातचीत शुरू हुई। लड़ाई खत्म होने के बाद दोनों ने 'पलकों की छांव' में दोबारा साथ गाना गया। यह भी पढ़ें: Lucky Baskhar देखने को मजबूर कर देंगे ये 5 कारण, Netflix पर नंबर 1 बनी फिल्म

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