कैसी है फिल्म की कहानी?
कहानी मुंबई के तीन दोस्त आयुष (अविनाश तिवारी) पिकु ( प्रतीक गांधी ) और डोडो ( देव्येंदु शर्मा ) की हैं जिन्हें बचपन से गोवा घूमने का बड़ा मन होता है। बड़े होते होते पिकु और आयुष काम के सिलसिले में कनाडा और केप टाउन शिफ्ट हो जाते हैं। इधर डोडो मुंबई में अपने दोस्तों की याद में सेलिब्रिटीज के साथ फेक मॉर्फड फोटो बनाने का काम करने लगता है।कैसे बन जाते हैं वो अमीर
उधर पिकु का स्टेशन पर बैग चेंज हो जाता है, उसे जो बैग मिलता है उसमें एक बंदूक, बहुत सारा पैसा और एक होटल की चाभी होती है। चुकी गोवा का प्लान डोडो का था वो अपने दोस्तों को बरगला कर उसी होटल में ठहराता है जिसकी चाभी उन्हें मिली थी। गोवा में मजे करते वक़्त तीनों की मुलाक़ात तशा ( नोरा फतेही ) से होती है। फिर इधर होटल में होटल की चाभी देखकर तीनों दोस्तों में आपसी मतभेद होते हैं। जिसके बाद उन्हें पता चलता है कि होटल के बेड में बहुत सारा ड्रग्स था। गोवा में गये तीन दोस्तों का मजा कब उनके लिए सजा बन गया उन्हें इसका अंदाजा भी नहीं हुआ। तो क्या पीकू, आयुष और डोडो कंचन कोमड़ी और मेंडोज़ा के चंगुल से निकल पायेंगे ये जानने के लिए आपको अपने नजदीकी सिनेमाघरों का रुख करना पड़ेगा।डायरेक्शन & राइटिंग
फ़िल्म मडगांव एक्सप्रेस का डायरेक्शन और लेखन दोनों एक्टर कुणाल खेमू ने किया हैं। ढोल, गुड्डू की गन, गोलमाल करने वाले कुणाल खेमू से कभी किसी ने ये उम्मीद नहीं की थी वो इतने कन्विक्शन के साथ इतनी बढ़िया कॉमेडी फिल्म बना पायेंगे। 142 मिनट की इस फ़िल्म को देखते हुए आप हस्ते हस्ते लोट-पोट हो जाएंगे। कुणाल ने लेखन और डायरेक्शन में ही नहीं बल्कि बैकग्राउंड स्कोर के साथ साथ किरदारों को भी असल, रेल टेबल और फनी बनाया है. थियेटर से निकालने के बाद भी फ़िल्म के ये 5 मुख्य कलाकार आपको गुदगुदाते रहेंगे।एक्टिंग -
फिल्म में कायदे से 5 मुख्य कलाकार हैं,दिव्येंदु शर्मा की कॉमिक टाइमिंग से हम वाकिफ हैं पर प्रतीक गांधी और अविनाश तिवारी को कमाल की कॉमेडी करते देखना एक अलग ही ट्रीट माना जाएगा।फिल्म में कंचन कोमड़ी के किरदार में छाया कदम और उसकी गैंग की लेडीज ने भी बेहतरीन काम किया है। गैंगस्टर मेंडोजा के किरदार में उपेन्द्र लिमये ने अपने किरदार के साथ ईमानदारी दिखायी है और हसाने में कोई कमी नहीं छोड़ी है। फिल्म में नोरा फतेही और रेमो डीसूज़ा का अपीयरेंस भी अच्छा था।क्यों देखें मूवी?
अगर आप 'मडगांव एक्सप्रेस' देखने के प्लान बना रहे हैं तो ये जान लें कि हंसते-हसंते आंखों से आंसू आ जाएंगे। ऐसे में एक रुमाल तो अपने साथ जरुर रख ही लें। स्ट्रेस भरे माहौल को कम करने के लिए ये फिल्म बेस्ट है। सबसे खास बात ये है कि आप इसे अपनी फैमिली के साथ देख सकते हैं।अगर आप अपने परिवार के साथ हस्ते हस्ते लोट पोट होना चाहते हैं तो ये फिल्म देखी जा सकती है. कुणाल के बेहतरीन राइटिंग और डायरेक्शन के साथ इन सितारों का कॉम्बिनेशन आपको थियेटर के बाहर भी गुदगुदाती रहेगी।