Monday, 14 October, 2024

---विज्ञापन---

Movie Review: khel khel Mein सीख देती है फिल्म, मोबाइल पर बसी जेनरेशन तो जरूर देखें

Khel Khel Mein Review/ Ashwani Kumar: 15 अगस्त को अक्षय कुमार की फिल्म 'खेल-खेल में' में रिलीज होने जा रही है और अगर आप भी छुट्टी वाले दिन फिल्म देखने का प्लान बने रहे हैं, तो एक बार मॉर्डन डे रिलेशनशिप पर बनी मल्टीस्टारर फिल्म 'खेल-खेल में' का यह रिव्यू जरूर पढ़ लें।

Movie Khel Khel Me
Movie name:Khel Khel Mein
Director:Mudassar Aziz
Movie Casts:Akshay Kumar ; Ammy Virk ; Taapsee Pannu ; Vaani Kapoor ; Fardeen Khan

Khel Khel Mein Review/ Ashwani Kumar: अक्षय कुमार की फिल्में बॉक्स ऑफिस पर चल नहीं रही हैं। क्यों ? क्या वो फिल्में अच्छी नहीं है, या फिर खिलाड़ी का खेल ज़्यादा हो गया है? ऐसे सवाल उठते रहे हैं, उठते रहेंगे। लेकिन 15 अगस्त पर अक्षय की फिल्म आई है, वो भी दो-दो धाकड़ फिल्मों के साथ, तो ये समझ लीजिए कि इस खिलाड़ी को अपने ऊपर ज़बरदस्त कॉन्फिडेंस है। ये कॉन्फिडेंस – फिल्म पर भी है, जिसका नाम है – ‘खेल-खेल में’।

‘परफेक्ट स्ट्रेंजर्स’ का इंडियन एडॉप्टेशन

अक्षय कुमार की फिल्म ‘खेल-खेल में’ यूं तो स्पैनिश और इटैलियन फिल्म ‘परफेक्ट स्ट्रेंजर्स’ का इंडियन एडॉप्टेशन है, लेकिन सच ये है कि ये कहानी इतनी रिलेवेंट है कि हर जुबां में, हर मुल्क में इस पर एक अलग फिल्म बन सकती है, वो भी बिना कॉपी कैट किए हुए।

दिलचस्प है फिल्म की कहानी

‘खेल-खेल में’ की कहानी चार दोस्तों और उनकी वाइफ्स की कहानी है, नहीं बीवियां तीन ही हैं। यानि कुल 7 लोग है। ऋषभ एक प्लास्टिक सर्जन है, हरप्रीत एक कार शो-रूम ऑनर है, समर एक बड़ी कंपनी में कार करता है, जो उसके वाइफ के पापा यानि ससुर जी की कंपनी है और कबीर एक क्रिकेट कोच है। ऋषभ की पत्नी वर्तिका, जो कि एक राइटर है… उसके भाई की शादी जयपुर में होनी है। सारे दोस्त जुटे हैं, तो थोड़ी इंटीमेट पार्टी के लिए भीड़ से अलग वो ऋषभ के रूम में इकट्ठा होते हैं। वहां, वर्तिका प्रपोज़ करती है कि मोबाइल में ज़िंदगी बिताने वाली जेनेरेशन, राज़ छिपाने वाली जेनेरेशन के बीच, अगर एक रात के लिए आने वाले हर मैसेज, कॉल को प्राइवेट की जगह पब्लिक कर देने वाला गेम खेला जाए… तो ये डेयरिंग भी होगा और एडवेंचरस भी। थोड़े ना-नुकुर के बाद ये खेल शुरू होता है, और हर एक कॉल, हर एक मैसेज के साथ रिश्ते दांव पर लगते हैं, राज खुलने लगते हैं।

यह भी पढ़ें: 15 अगस्त पर OTT पर देखना ना भूलें ये देशभक्ति फिल्में, जिनमें हीरोइनों ने चटाई दुश्मनों को धूल

शानदार है सिनेमैटोग्राफ़ी-डायरेक्शन 

सारा के साथ डायरेक्टर मुदस्सर अजीज़ ने मिलकर ‘खेल-खेल में’ की कहानी को जिस तरह से एडॉप्ट किया है, वो कमाल है। हर मैसेज, हर कॉल और उसके बाद होने वाला ड्रामा, इमोशनल आउट बर्स्ट, झूठ और आखिर में आता सच… आप उससे एंगेज होते रहते हैं। 2 घंटे 14 मिनट की ये कहानी ‘खेल-खेल में’ ऐसे झटके मारती है, कि उसके कॉमेडी भी होती है, शॉक भी लगता है, सोच का इम्तिहान होता है और नए ज़माने में ज़िंदगी और रिश्तों को देखने-समझने का नज़रिया भी बदलता है। लोकेशन परफेक्ट है, सिनेमैटोग्राफ़ी शानदार और डायरेक्शन भी उम्दा है।

यह भी पढ़ें: एक्ट्रेस जिसने सुपरस्टार संग शादी करने के लिए बदला धर्म, पति ने दिया धोखा; हुई रहस्यमयी मौत

रोमांटिक गाने ने तोड़ा फ्लो 

अच्छी बात ये है कि फिल्म में बस दो ही फुल फ्लेज़्ड गाने है। पहला, जहां हौली-हौली इस्तेमाल हुआ है। हालांकि गाना अच्छा है, सिचुएशन के हिसाब से फिट करने की कोशिश भी की गई है, लेकिन अचानक एक स्ट्रेंज सी सिचुएशन, जहां सारे मियां-बीवी के बीच तल्ख़ी को स्टैब्लिश किया गया हो, उसके तुरंत बाद एक डांसिंग ट्रैक डालना, जिसमें पूरा रोमांटिक फील हो… थोड़ा फ्लो को तोड़ता है। दूसरा गाना दूर ना करीं.. इंपैक्ट फुल है। बाकी गाने प्रमोशन का हिस्सा हैं, या सिचुएशन की बैकग्राउंड में है।

कैसी है स्टार्स की परफॉर्मेंस 

अब परफॉर्मेंस में आइए, तो पाइएगा.. कि ‘खेल-खेल में’ पूरी तरह से अक्षय कुमार की फिल्म नहीं है। ये अक्षय का कॉन्फीडेंस ही है कि वो ऐसी मल्टीस्टारर फिल्म, जिसमें हर किरदार का लगभग बराबर स्क्रीन प्रेजेंस और अहमियत है.. उसे करने से झिझकते नहीं है। ऋषभ मलिक के किरदार में अक्षय वाकई जॉर्ज क्लूनी जैसे लगे हैं… फिट, मिडल एज़्ड, लेकिन अट्रैक्टिव। कॉमिक टाइमिंग उनकी कमाल की है। अपनी बेटी से फोन पर बात करते वक्त और क्लाइमेक्स में अपनी स्पीच में अक्षय ने कमाल का असर छोड़ा है। तापसी पन्नू – फीमेल हरप्रीत के किरदार में कमाल की हैं, उनकी इमोशनल और कॉमिक टाइमिंग कमाल की है। वाणी कपूर ने भी अच्छा काम किया है। एमी विर्क ने खेल-खेल में मेल हरप्रीत के किरदार में दिल जीत लिया है। फरदीन ख़ान ने अपने कैरेक्टर में जान डाल दी है, वो ज़बरदस्त फिट लगे हैं और इमोशनल बर्स्ट वाले सीन में बेहतरीन लगे हैं। आदित्य सील और प्रज्ञा जायसवाल का काम भी अच्छा है।

‘खेल-खेल में’ एंटरटेनिंग है, रिलेवेंट है और फोन में ज़िंदगी बसाने वाली जेनेरेशन के लिए मॉर्डन डे रिलेशनशिप को जीने का सलीका सिखाती है।

खेल-खेल में को 3.5 स्टार।

यह भी पढ़ें: Stree 2: 5 कारण जो हिट करा सकते हैं श्रद्धा कपूर-राजकुमार राव की फिल्म!

First published on: Aug 14, 2024 05:39 PM

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 on Facebook, Twitter.