पहली करोड़पति अभिनेत्री, दो शादियां, मरते समय एक भी नहीं था पास, मिली दर्दनाक मौत
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Bollywood Throwback Story: एक ऐसी लड़की जिसने कभी सोचा भी नहीं था कि वो एक्ट्रेस बनेगी, लेकिन किस्मत बदली और वो पहुंच गई फर्श से अर्श पर। जी हां आज हम एक ऐसी अभिनेत्री के बारे में बात करने जा रहे हैं जिन्होंने बचपन से ही गरीबी देखी, हालत ऐसी हो गई थी कि पेट भरने के लिए खाना भी नहीं था। न रहने के लिए घर था, फिर चमकी किस्मत और वो बन गईं हिंदी सिनेमा की सबसे अमीर एक्ट्रेस। ये आज की हीरोइन नहीं है बल्कि 40-50 के दशक की हीरोइन है, जिसने अपने दम पर अपनी पहचान बनाई। लेकिन उनकी मौत भी बहुत ही दर्दनाक हुई। आइए जानते हैं उनके बारे में...
गरीबी में बीता बचपन
हम जिस एक्ट्रेस की बात कर रहे हैं उनका नाम है कानन देवी जिनका जन्म 22 अप्रैल 1916 को पश्चिम बंगाल के हावड़ा में हुआ था। हालांकि उनके पेरेंट्स के बारे में कोई खास जानकारी नहीं है लेकिन ये कहा जाता है कि उनका पालन पोषण रतन चंद्र दास और राजोबाला ने किया था। एक समय तो ऐसा आ गया था जब उनके पास खाना खाने के लिए पैसे नहीं थे। उस समय वो अपने एक रिश्तेदार के घर गए तो उन्होंने उन्हें दो समय का खाना देने के लिए अपने घर की नौकरानी बना लिया। एक दिन कानन वहां से भाग गई और वापस राजोबाला हावड़ा आ गई।
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वेश्यालय के पास कटा बचपन
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, कानन देवी ने अपनी लाइफ में काफी उतार-चढ़ाव में देखे हैं। जब वो अपने रिश्तेदार के घर से भागकर वापस बंगाल आ गईं तो उनके पास रहने के लिए घर नहीं था। ऐसे में सिर्फ 7 साल की उम्र में वो अपनी मां के साथ वेश्यालय के पास रहने लगीं। तंगहाल जिंदगी जीने वाली बच्ची और उसकी मां पर एक स्टेज आर्टिस्ट को दया आ गई। उन्होंने उसे स्टेज शो करने के सलाह दी और मार्गदर्शन किया। मदन मूवी स्टूडियो में वो गईं तो वो कानन देवी की सुंदरता को देख मोहित हो गए। वो इतनी फेमस हो गईं कि नौकरानी से 'मैडम' बन गईं। ये हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि सभी उन्हें 'मैडम' कहकर बुलाते थे।
पहली सैलरी थी 5 रुपये
कानन देवी ने फिल्म 'जयदेव' से अपना एक्टिंग डेब्यू किया। पहली फिल्म के लिए उन्हें सिर्फ 5 रुपये वेतन मिला। हालांकि पहली फिल्म में उनका छोटा सा रोल था, लेकिन उनकी एक्टिंग ने लोगों का दिल जीता और इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। वो पहली ऐसी एक्ट्रेस थीं जो उस समय एक फिल्म के लिए 5 लाख रुपये और एग गाने के लिए 1 लाख रुपये चार्ज करती थीं। हालांकि ये कोई बड़ी बात नहीं है, लेकिन उस समय बहुत बड़ी बात थी क्योंकि फिल्मों का कुल बजट ही 15000-20000 रुपये के करीब हुआ करता था। ऐसे में वो हिंदी सिनेमा की सबसे अमीर करोड़पति एक्ट्रेस बनीं।
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कानन देवी ने साल 1940 में अशोक मैत्रा से शादी की, लेकिन ये रिश्ता लंबा न चला। दरअसल ये शादी समाज की बलि चढ़ गई क्योंकि अशोक ब्रह्म समाज के शिक्षाविद हेरम्बा चंद्र मैत्रा के बेटे थे तो उस रूढ़िवादी समाज को ये रिश्ता रास नहीं आया और उनका साल 1945 में तलाक हो गया। इसके बाद उन्होंने साल 1949 में हरिदास भट्टाचार्जी से शादी की। लेकिन ये रिश्ता भी बहुत जल्द टूट गया और वो एक बार फिर से अकेली रह गईं।
मिली दर्दनाक मौत
कानन देवी ने दो शादियां की लेकिन एक भी पति उनके साथ नहीं रहा। ऐसे में वो अपनी लाइफ में बिल्कुल अकेली पड़ गईं। अकेलापन उन्हें खाने लगा और इतने पैसे वाली होने के बाद भी कोई उनके पास सहारा नहीं था। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार कानन की मौत 17 जुलाई 1992 को हो गई। एक्ट्रेस का अंतिम संस्कार भी लावारिस की तरह हुआ क्योंकि कोई भी अपना उनके अंतिम समय में उनके साथ नहीं था।
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