Jewel Thief Review: कमजोर निकली चोर-पुलिस की कहानी, Netflix पर देखने से पहलें पढ़ लें ये रिव्यू
Jewel Thief
Jewel Thief Review/Ashwani Kumar: जो फैक्ट्री बिस्किट अच्छे बनाते हो, वो छाते भी अच्छे बना ले... ये जरूरी नहीं। डायरेक्टर सिद्धार्थ आनंद, जिन्होने बैंग-बैंग से लेकर वॉर, पठान और फाइटर्स तक कमाल की फिल्में बनाई हैं, वो प्रोड्यूसर बने हैं और दूसरे स्टोरी टेलर्स को मौका दे रहे हैं कि वो मार्फ्लिक्स के बैनर तले फिल्में बनाएं। फाइटर्स के बाद ज्वैल थीफ इस मार्फ्लिक्स के प्रोडक्शन्स की दूसरी फिल्म है। और ये मार्फ्लिक्स का मुकद्दर ही है कि पहली फिल्म फाइटर्स अच्छी बनकर भी चली नहीं, दूसरी फिल्म ज्वैल थीफ ठीक से नहीं बनी।
यह भी पढ़ें: Pahalgam Attack पर 2 दिन बाद छलका माहिरा खान का दर्द, फिर डिलीट कर दी पोस्ट
ज्वैल थीफ की कहानी
वेब सीरीज ज्वैल थीफ की कहानी थोड़ी-थोड़ी बॉलीवुड फिल्म धूम सीरीज की तरह लिखी गई है। एक शातिर चोर है, जो फिल्म का हीरो है... उस चोर के पीछे एक काबिल पुलिस वाला पड़ा है, जो पूरी कोशिश करता है, लेकिन उस तक पहुंच नहीं पाता। । चोर के पापा चैरिटी करते हैं, ईमानदार हैं और अपने बेटे की चोरियों से नफरत करते हैं। उस चोर को दुनिया का सबसे महंगा डायमंड रेड सन चोरी करने के लिए बड़ा क्रिमिनल मजबूर करता है। अपने पापा को क्रिमिनल के फेर से निकालने के लिए चोर, रेड सन को चोरी करने को तो तैयार हो जाता है, लेकिन क्रिमिनल की बीवी से उसे प्यार हो जाता है। क्योंकि वो डैमशेल इन डिस्ट्रेट है, तो चोर ऐसा प्लान बनाता है कि क्रिमिनल मारा जाए। क्रिमिनल की बीवी और रेड डायमंड के साथ पुलिस वाले की आंखों में धूल झोंककर भाग सके।
रियलिस्टिक नहीं लगे फिल्म के सीन
ये ज्वैल थीफ की पूरी कहानी है, इसके बीच जितनी चोरी के सीन्स बुने गए हैं, वो सब ग्लॉसी तो है, तो रियलिस्टिक नहीं है। लगता है कि पूरी चोरी के बीच ऐसा ड्रामा चल रहा है कि जिस पर खुद डायरेक्टर और एक्टर्स को भी यकीन नहीं है। कहानी लिखने की जो कोशिश डेविड लोगान ने की है, वो बस कोशिश ही रह गई है। सुमित अरोड़ा के लिखे डायलॉग्स इसकी रेड सन वाले डायमंड के कॉन्सेप्ट भी ज्यादा जाली हैं।
जयदीप अहलावत का डांस
अलीबाग के सेट से लेकर, मुंबई के म्यूजियम तक, लंदन की लोकेशन से लेकर इंस्ताबुल के फाइनल एक्शन सेटअप तक, जाने क्यों इस हाईस्ट स्टोरी में लगता है कि मनी हाईस्ट वाला लुक ऐड करने की पूरी कोशिश की गई है, जो और भी ज्यादा ड्रामैटिक लगती है। कुमार का लिखा, सचिन जिगर का कम्पोज किया, जादू सा मेरा हुनर ही फिल्म एंड होने के बाद आपको याद रहता है, क्योकि वो लास्ट क्रेडिट्स में आता है और उसका फिल्म से कोई लेना देना नहीं है। इस गाने पर जयदीप अहलावत के डांस के स्टेप्स खूब वायरल हुए थे और उसका भी फिल्म से कोई लेना देना नहीं है।
सैफ अली खान बने चोर
फिल्म में रेहान यानी द ज्वैल थीफ के रोल में सैफ अली खान नजर आए हैं और उनका लुक भी अच्छा लगा है। हालांकि उनके कैरेक्टर में कोई दम नहीं दिखा है और क्रिमिनल के रोल में जयदीप अहलावत में है, लेकिन इस सीरीज में उनका जादू देखने को नहीं मिला है। फिल्म के डबल डायरेक्टर – कुकी गुलाटी और रॉबी ग्रेवाल से ज़रूर पूछनी चाहिए। पुलिस ऑफिसर बने विक्रम पटेल बने कुणाल कोहली फिल्म में केस की जांच करते दिखे हैं और उनके अलावा फराह बनी निकिता दत्ता ने ग्लैमर के अलावा फिल्म में कुछ काम नहीं किया है।
नेटफ्ल्किस पर स्ट्रीम हुई ज्वेल थीफ ज़रूर देखनी चाहिए, ताकि पता चल सके कि हम इंटरनेशनल लगने वाली हाईस्ट फिल्म बनाने की एंबीशिन में क्यों ठगे जा रहे हैं।
ज्वेल थीफ को 1.5 स्टार
यह भी पढ़ें: Ground Zero Review: BSF अफसर बन छाए इमरान हाशमी, जानें कितनी दमदार है फिल्म की कहानी?
Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world
on News24. Follow News24 and Download our - News24
Android App. Follow News24 on Facebook, Telegram, Google
News.