TrendingKBC 16Bigg Boss 18

---Advertisement---

Ulajh Movie Review: जाह्नवी की ‘उलझ’ फैंस को इंप्रेस करेगी या बोर, फिल्म देखने से पहले पढ़ें रिव्यू

Ulajh Movie Review: जाह्नवी कपूर की लेटेस्ट मूवी उलझ का सभी को बेसब्री से इंतजार था जो अब खत्म हो गया है, यानी फिल्म रिलीज हो गई है, फिल्म देखने से पहले आप ये जान लें कि फिल्म की कहानी कैसी लगी...

इमेज क्रेडिट: Google
Ulajh Movie Review: (Ashwani Kumar) 'उलझ' के साथ स्पाई फिल्म एक्स्ट्रा लाइन देखकर आप ये मत समझने लगेगा कि उलझ कोई यशराज स्पाई यूनिवर्स की एक्शन फिल्म है। जिसमें अलग-अलग लोकेशन पर जबरदस्त फाइट सीक्वेंस होंगे। लेकिन परवेज शेख के साथ डायरेक्टर सुंधाशु सरिया ने 'उलझ' की जो कहानी बुनी है, वो स्पाई एजेंसी के काम करने के तरीके के बेहद करीब है। बहुत कुछ राज एंड डीके की फैमिली मैन जैसी, या विशाल भारद्वाज की खुफिया जैसी। दरअसल स्पाई फिल्मों का जब हम नाम सुनते हैं, तो हमारे दिमाग में ब्रिटिश 'स्पाई एजेंट 007' से लेकर 'टाइगर' और 'पठान' जैसी फिल्मों के नाम आने लगते हैं। लेकिन असल में दुनिया भर में स्पाइस ऐसे काम नहीं करते। सुधांशु की कहानी आपको रियल स्पाइस के काम करने के बेहद करीब लेकर जाती है।

क्या है उलझ की कहानी

उलझ की कहानी शुरू होती है, बिल्कुल फॉरेन अफेयर्स की ऑफिसर सुहाना भाटिया से, जो शॉप है। इंटरनेशनल डायनामिक्स को समझती है, और पुराने पके हुए डिप्लोमैट्स के बीच अपनी समझ से बड़ी मुश्किलों का आसानी से रास्ता खोजने में माहिर है। नेपाल के मिनिस्टर के साथ एक बड़ी इंटरनेशनल क्राइसिस को सॉल्व करने का सुहाना को एप्रेजल मिलता है। वो लंदन में डिप्टी हाई कमिश्नर की पोजीशन के लिए अप्वाइंट होती है। लेकिन यहां सुहाना पर – नेपोटिज़् के इल्जाम लगते हैं, कि उसके दादा से लेकर पापा तक भारत के सबसे सीनियर डिप्लोमैट्स रहे हैं। लंदन के इंडियन हाई कमिशन ऑफिस में भी उसे ऐसे ही प्रिविलेज्ड लड़की के तौर पर देखा जाता है जिसकी फैमिली लिगेसी ने उसे यहां तक इतनी कम उम्र में पहुंच गया है। सुहाना, यूं तो समझदार है लेकिन फैमिली से दूर, जहां हर कोई उसे जज कर रहा है, वहां कुछ दोस्त बनाती है। फिर शुरू होती है, एक ऐसी साजिश जिसमें सुहाना को मजबूर इंडिया के क्लासिफाइड डॉक्यूमेंट्स, सीक्रेट्स शेयर करने होते हैं, जिसके चलते वो अपने ही देश की खुफिया एजेंसी ‘रॉ’ के निशाने पर आ जाती है। जैसे-जैसे इस साजिश की परतें खुलती हैं सुहाना, उसकी फैमिली और उसका देश तीनों उलझते चले जाते हैं।

डायरेक्टर ने फिल्म उलझाए रखने का किया काम

सुधांशु सरिया ने उलझ की कहानी को ग्लैमरस और एक्शन बाजी से दूर, इसके नाम ही जैसा उलझाया है, जहां आप गेस करते रहते हैं, और झटके खाते रहते हैं। आपको सीक्रेट सर्विस के काम करने का तरीका समझ आता है कि कैसे हाई कमीशन के ऑफिस से अटैच्ड डिपार्टमेंट के साथ लगा हुआ एक स्पाई विंग होता है?  कैसे फॉरेन अफेयर्स और स्पाई विंग के बीच खींचतान चलती है? और कैसे इंटरनेशनल फॉरेन अफेयर्स डिपार्टमेंट, और स्पाई विंग एक दूसरे के साथ और पैरेलल काम करते हैं? और इन सब उलझे हुए ट्रैक्स के बीच – सुहाना के जरिए एक बहुत कॉम्प्लेक्स कांस्पीरेसी यानि उलझी हुई साजिश के तार सुलझाने में सुधांशु चुके नहीं है। इंटरनेशनल लोकेशन, सिनेमैटोग्राफी, बॉडी लैंग्वेज, बैकग्राउंड स्कोर और कहानी के साथ ये 2 घंटे 14 मिनट की फिल्म आपको बीच में फोन की स्क्रीन की ओर झांकने का मौका नहीं देती। इंट्रेस्टिंग ये भी है कि फिल्म के गाने, इसकी स्टोरी का हिस्सा हैं।

कैसी रही किसकी परफॉर्मेंस

अब परफॉरमेंस पर आएं तो सुहाना भाटिया के किरदार में जाह्नवी कपूर ने चौंकाया है। एक प्रिविलेज्ड फैमिली की बेटी पर लिगेसी का बोझ, खुद को साबित करने की उम्मीदों का बोझ और नेपोटिज्म के तानों के बीच खुद के अंदर घुटते रहने के बाद भी, लड़ते और जीतने का जज्बा, जैसे ये किरदार – जाह्नवी के लिए लिखा गया था। जाह्नवी ने इसे उतनी ही खूबी के साथ निभाया है। अब हम आप भले ही कहते रहें कि ये नेपोटिज्म के चलते हैं, लेकिन उलझ, जाह्नवी की बेहतरीन कोशिशों की एक मिसाल है। नकुल भाटिया उर्फ़ हुमायूं उर्फ़ डेविड बने गुलशन देवैया, एक बेहतरीन कलाकार हैं। बिल्कुल गिरगिट के जैसे गुलशन के एक्सप्रेशन्स बदलते हैं, और उनकी एक्टिंग में उलझते चले जाते हैं। रोशन मैथ्यू, उलझ का एक और स्ट्रांगेस्ट पिलर हैं, बेहतरीन काम। राजेश तैलंग ने अपने अंदाज से इस कहानी को उलझाया है और सबको चौंकाया है। आदिल हुसैन, मेयांग चांग के रोल लिमिटेड हैं, लेकिन काम शानदार। साक्षी तंवर क्लाइमेक्स के अपने ट्विस्ट के साथ ऐसा असर छोड़ती हैं, कि आप इंप्रेस हो जाते हैं। उलझ एक शानदार कहानी है, जो आपको उलझाती है और एक इशारा देती है कि – हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में- यशराज के बाद, एक और बड़ा स्पाई यूनिवर्स खड़ा होने जा रहा है, क्योंकि – काली बिल्लियां हमेशा बैड लक लेकर नहीं आतीं। उलझ को 3.5 स्टार। यह भी पढ़ें: तृषा कृष्णन की इन्वेस्टिगेशन Web Series देखने को करेगी मजबूर

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 and Download our - News24 Android App. Follow News24 on Facebook, Telegram, Google News.