TrendingBigg Boss 19

---Advertisement---

भारत में आज ही हुई थी सिनेमा की शुरुआत, पहली फिल्म की इनसाइड स्टोरी

भारत में आज यानि 7 जुलाई को ही सिनेमा की शुरुआत हुई थी। आइए जानते हैं पहली फिल्म कौन सी थी, और इसकी इनसाइड स्टोरी...

social media
मुंबई के वॉटसन होटल में 7 जुलाई, 1896 को ही पहली बार चलती-फिरती तस्वीरें स्क्रीन पर सामने दिखाई दी थीं। उस समय किसी ने सोचा भी नहीं होगा कि यही दिन भारतीय सिनेमा के सुनहरे सफर की शुरुआत बनेगा। पहली बार लुमियर ब्रदर्स की 'द अराइवल ऑफ ए ट्रेन' जैसी फिल्म ने दर्शकों को सिनेमा के जादू से रूबरू कराया। आज, 129 साल बाद, उसी दिन को याद करते हुए भारतीय सिनेमा की नींव और उसके शुरुआती दिनों की कहानी फिर से जिंदा हो उठी है।

कैसे और कहां शुरू हुई पहली फिल्म?

7 जुलाई, 1896 को टाइम्स ऑफ इंडिया में छपे एक विज्ञापन ने मुंबईवासियों को 'दुनिया के सबसे बड़े चमत्कार' को देखने का न्यौता दिया था। उस दौरान वॉटसन होटल में हुए इस इवेंट में एक रुपए का टिकट हुआ करता था। इसी पैसे के साथ दर्शकों ने सदी के सबसे अनोखे आविष्कार, चलती हुई स्क्रीन को पहली बार देखा। लुमियर ब्रदर्स की ओर से प्रदर्शित की गई यह ‘द अराइवल ऑफ ए ट्रेन’ नामक फिल्म में सिर्फ एक ट्रेन स्टेशन पर आती दिखाई गई थी। लेकिन दर्शकों को यह सीन इतना असली लगा कि कुछ डर के मारे कुर्सियों से उठकर भाग खड़े हुए, जबकि कुछ औरतें बेहोश तक हो गईं थीं।

लुमियर ब्रदर्स ने कैसी फिल्मों को स्क्रीन पर दिखाना शुरू किया?

फ्रांस के लुई और अगस्ते लुमियर ने साल 1895 में पेरिस में पहली बार सिनेमा दिखाया था। पेरिस और लंदन में सक्सेस के बाद वह भारत आए और बॉम्बे आकर, 14 जुलाई से नोवेल्टी थिएटर में इन फिल्मों का दोबारा प्रदर्शन हुआ और यह सिलसिला एक महीने तक चलता रहा। बता दें कि शुरुआती फिल्मों में कोई कहानी नहीं हुआ करती थी, बल्कि सिंपल इंसीडेंसेस हुआ करते थे, जैसे दीवार गिराना, ट्रेन का आना, या किसी फैक्ट्री से कामगारों का बाहर निकलना ही स्क्रीन पर दिखाया जाता था। उस दौर में ये छोटे-छोटे सीन्स ही दर्शकों को काफी उत्साहित करते थे।

लुमियर ब्रदर्स से प्ररित होकर भारत में मगांया गया कैमरा

लुमियर ब्रदर्स ने तो दर्शकों के बीच चलती स्क्रीन का प्रचलन ला ही दिया था। इनसे प्रेरित होकर महाराष्ट्र के हरीशचंद्र सखाराम भटवाडेकर जिनको सावे दादा भी बोला जाता था। इन्होंने भारत में पहला कैमरा मंगाया और कुश्ती के सीन को शूट कर भारत की पहली डॉक्यूमेंट्री बनाई। आगे चलकर उन्होंने न्यूजरील के साथ-साथ बाकी की सामाजिक घटनाओं को भी रिकॉर्ड किया। यह भी पढ़ें:  Dilip Kumar की याद में धर्मेंद्र का छलका दर्द, Death Anniversary में शेयर क्या इमोशनल पोस्ट

'राजा हरिश्चंद्र' बनी पहली फीचर फिल्म

जेएफ मदन और अब्दुल अली यूसुफ अली जैसे बिजनेसमैन ने फिल्म को बिजनेस के तौर पर बनाने का काम शुरू कर दिया। छोटे शहरों और गांवों में टेंट सिनेमा का चलन शुरू हुआ, जिससे सिनेमा देश भर में काफी फेमस हो गया। हालांकि कुछ इतिहासकार साल 1912 में रिलीज आई 'पंडालक' को पहली फिल्म मानते हैं, मगर दादा साहेब फाल्के की 'राजा हरिश्चंद्र' जो 3 मई, 1913 को भारत में आई थी, इसे भारत की पहली मूक फीचर फिल्म का दर्जा दिया गया है। यह भी पढ़ें: Shefali Jariwala की मौत के बाद ‘बेटे’ सिम्बा की तबीयत पर क्या बोले पराग त्यागी? फिर साथ मिलकर किया ये खास काम

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 and Download our - News24 Android App. Follow News24 on Facebook, Telegram, Google News.