Haq Movie Review: भारत के मुस्लिम समुदाय में तीन तलाक का मुद्दा हमेशा से ही चर्चा का विषय रहा है. तीन तलाक से जुड़े कई मामले सामने आए, जहां पतियों ने 'तलाक तलाक तलाक' कहकर पत्नी की जिम्मेदारियों से अपना पल्ला झाड़ लिया. कई मामलों में महिलाओं ने अपने हक के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, तो वहीं कई केस कभी सामने ही नहीं आ पाए. ऐसे में एक फिल्म इमरान हाशमी और यामी गौतम सिनेमाघरों में लेकर आए हैं, जो महिलाओं के 'हक' की बात करती है, साथ ही ये सवाल भी करती है कि क्या तीन बार तलाक कह देने से एक पति की अपनी पत्नी के लिए जिम्मेदारी खत्म हो जाती है? चलिए आपको इस फिल्म के बारे में बताते हैं.
शाह बानों केस से प्रेरित है 'हक' की कहानी
'हक' का ट्रेलर देखकर लगा था कि ये फिल्म शाह बानों की कहानी पर बनी है, लेकिन ऐसा नहीं है, ये फिल्म शाह बानों की कहानी पर नहीं, बल्कि देश के ऐसे कई केस और देश की सबसे बड़ी अदालत, सुप्रीम कोर्ट, के फैसलों पर बनी है, जिसमें शाह बानों की कहानी से भी प्रेरणा ली गई है.
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'हक' की कहानी
फिल्म 'हक' की कहानी दो हिस्सों से बंटी है. जिसके एक हिस्से में शाजिया अपनी कहानी सुना रही है, जहां वो बताती है कि बच्चों को पढ़ाने वाले एक मौलवी की बेटी की शादी एक बड़े वकील अब्बास से होती है. शादी के शुरुआती साल में अब्बास अपनी बेगम शाजिया से बेइंतहा मोहब्बत करता है. दोनों के बच्चे भी होते हैं. सब कुछ सही चल रहा था, लेकिन फिर एक दिन अचानक कामयाब वकील अब्बास दूसरा निकाह कर लेता है. इसके बाद पहली बीवी शाजिया को समझाया जाता है कि उसे अपने शौहर को उनकी दूसरी बीवी के साथ शेयर करना होगा.शाजिया इसे अपना मुकद्दर भी मान अपने बच्चों के लिए मन-मार कर अपने शौहर को उसकी दूसरी बीवी से शेयर भी करती है. फिर दिन शरीयत के मुताबिक अब्बास, शाजिया को 'तलाक-तलाक-तलाक' कह देता है और मेहर की रकम देकर उसे और बच्चों को उनके हाल पर छोड़ देता है. इससे टूटने की बजाय शाजिया अब्बास के खिलाफ लड़ने का फैसला लेती है और अपने हक के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाती है. इसके बाद कहानी कई उतार-चढ़ाव देखने को मिलता है, जिसके लिए आपको ये फिल्म देखनी होगी.
फिल्म का डायरेक्शन
'हक' के निर्देशक सुपर्ण वर्मा ने बहुत खूबी से इस मुश्किल फिल्म का डायरेक्शन किया है। ऐसी कहानी पर फिल्म बनाना तलवार की धार पर चलने जैसा है, मगर सुपर्ण ने शरीयत, कुरान की आयतें और बहस के सेक्वेंसेज को ऐसे फिल्माया है कि वो दर्शकों पर गहरा असर छोड़ जाती हैं.
एक्टर्स की परफॉर्मेंस
वहीं, एक्टर्स के परफॉर्मेंस पर आएं तो इमरान हाशमी ने अब्बास के तौर पर जता दिया है कि इस किरदार के लिए उससे बेहतरीन चॉइस हो ही नहीं सकती थी. आप इस किरदार से नफरत नहीं करेंगे, बल्कि इसके कायल हो जाएंगे. वहीं, शाजिया के किरदार में यामी ने खुद को जैसे आग में तपा दिया है. इमरान के साथ उनकी केमिस्ट्री बेहतरीन है. वहीं, इमोशनल सीक्वेंस में आप इस किरदार के साथ बहते चले जाते हैं. क्लाइमेक्स में इमरान और यामी की सुप्रीम कोर्ट के सीक्वेंस देखकर आप 100 फीसदी तालियां बजाएंगे. वहीं, अब्बास की दूसरी बीवी सायरा बनी वर्तिका सिंह को देखकर आप सरप्राइज होंगे.