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दिग्गज फिल्म प्रोड्यूसर सुभाष घई ने बताई बॉलीवुड की सच्चाई!, बोले ‘खुद को ब्रांड समझते हैं अभिनेता…’

Subhash Ghai: दिग्गज फिल्म निर्माता सुभाष घई ने बॉलीवुड की सच्चाई बताते हुए कहा कि अब फिल्म इंडस्ट्री में क्रिएटिविटी नहीं बची है। लोग सिर्फ यहां जॉब कर रहे हैं न कि कुछ क्रिएटिव!

सुभाष घई
Subhash Ghai: दिग्गज फिल्म निर्माता सुभाष घई ने वर्तमान फिल्म इंडस्ट्री के हालातों को लेकर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि अब फिल्म जगत सिर्फ एक पैसे कमाने का जरिया बन गया है। क्रिएटिविटी को किसी से मतलब नहीं है। 80 से 90 के दशक में खलनायक, परदेस, ताल और राम लखन जैसी दिग्गज फिल्मों के निर्माता सुभाष घई ने बॉलीवुड की सच्चाई बताते हुए कहा कि फिल्म निर्माण अब लोगों के लिए बस एक जॉब बन गया है, कोई भी यहां क्रिएटिव नहीं करना चाहता है। इसके साथ ही सुभाष घई ने एक घटना के बारे में बताया कि उन्होंने एक राइटर को फिल्म की स्क्रिप्ट लिखने को कहा तो 'उसने कहा कि वह 15 दिन में स्क्रिप्ट तैयार करके देगा। इसके साथ ही तीन दिन के भीतर एक डॉफ्ट देगा। उस राइटर ने अपनी फीस पहले ही मांग ली। उसने मुझे वो डेट दी, जब कहानी तैयार होगी। इस पर पर मैंने पूछा कि तुम क्या रोटियां पका रहे हो।' सुभाष घई ने कहा कि मैं ऐसे किसी व्यक्ति के साथ कैसे काम कर सकता हूं? उन्होंने अफसोस जताते हुए कहा कि इंडस्ट्री ने मुझे सोचने के लिए ट्रेंड कर दिया है। सुभाष ने बताया कि उन्होंने उस राइटर से स्क्रिप्ट लिखने के लिए संपर्क किया था और यह प्रक्रिया क्रिएटिविटी की जगह लेन-देन वाली हो गई।

व्हाट्सऐप पर लिखी जाती है स्क्रिप्ट

सुभाष घई ने फिल्म इंडस्ट्री के मौजूदा हालातों की आलोचना करते हुए कहा कि स्किल्स खरीदे जा रहे हैं, लेकिन रियल क्रिएटिविटी खत्म हो रही है। उन्होंने कहा कि लोग कहते हैं कि आप मुझे स्क्रिप्ट ईमेल पर भेज दो, यही काफी है। आजकल स्किप्ट और डायलॉग व्हाट्सऐप पर लिखे जाते हैं।

बंद कर दिया फिल्में बनाना

सुभाष घई ने कहा कि उन्होंने फिल्में बनाना बंद कर दिया है। क्योंकि 'मुझे सिनेमा में प्यार नहीं दिखता है।' लोगों में भी नहीं और हमारी टीम में भी नहीं । वे सिर्फ जॉब कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यूट्यूब चैनल गेम चेंजर्स की बात पर कहा कि जहां क्रिएटिविटी होगी, वो सेक्टर ऊपर ही जाएगा। अभी कुछ समय पहले ही फिल्म निर्देशक अनुराग कश्यप ने मुंबई को अलविदा कहते हुए भी कुछ इसी प्रकार की बात कही थी।

खुद को ब्रांड समझने लगे हैं अभिनेता

फिल्म निर्माता ने कहा कि आजकल के अभिनेता खुद को ब्रांड समझने लगे हैं और अभिनय की जगह फाइनेंशियल प्रॉफिट को प्राथमिकता देते हैं। उन्होंने कहा कि इसी मानसिकता के चलते अब इंडस्ट्री को सुपरस्टार नहीं मिल रहा है। यही कारण है कि 80 के दशक के अभिनेता सलमान, शाहरुख, अक्षय और आमिर खान आदि आज भी सुपरस्टार हैं। ऐसा इसी कारण है क्योंकि वे उसी संस्कृति से आए हुए हैं। रणबीर कपूर को छोड़ दें तो इन 10 सालों में कौन सुपरस्टार बना है कोई नहीं।

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