हम बात कर रहे हैं बॉलीवुड की लीजेंडरी एक्ट्रेस ललिता पवार की, जिन्होंने हिंदी, मराठी और गुजराती भाषाओं में लगभग 700 से अधिक फिल्मों में शानदार काम किया. हिंदी सिनेमा में उनका योगदान कभी भी भुलाया नहीं जा सकता है. अपनी शानदार अदाकारी से उन्होंने दर्शकों के दिलों पर अपनी छाप छोड़ी है. रामानंद सागर की ‘रामायण’ में ललिता ने ‘मंथरा’ का किरडकर बेहद ही शानदार तरीके से निभाया था.
ललिता पवार का असली नाम अंबा लक्ष्मण राव सगुन था. 9 साल की उम्र में ही एक्ट्रेस ने फिल्मी दुनिया में कदम रखा था. इसके बाद उन्होंने एक से बढ़कर एक फिल्में कीं. खूब नाम कमाया, लेकिन एक घटना ने उनका पूरा जीवन बदल दिया. दरअसल साल 1942 में आई फिल्म जंग ए आजादी की शूटिंग के दौरान एक्टर भगवान दादा को एक सीन में ललिता जी को थप्पड़ मारना था, उन्होंने ये थप्पड़ इतना जोरदार मारा कि ललिता के बाएं कान से खून निकल आया और बाद में गलत इलाज की वजह से एक्ट्रेस का चेहरा पैरालाइज हो गया और उनकी बाईं आंख खराब हो गई. इस दर्दनाक घटना के बाद एक्ट्रेस को लीड रोल मिलने बंद हो गए. उनके हाथ से कई फिल्में निकल गईं, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी और लगातार फिल्मों में साइड रोल करती रहीं.
पति ने सगी बहन से रचाई शादी
अपने लंबे फिल्मी करियर में ललिता जी ने 700 से ज्यादा फिल्में की. जहां फिल्मी दुनिया में उन्होंने इतना नाम कमाया, वहीं उनकी पर्सनल लाइफ में काफी उथल-पुथल रही. अंत समय में उनके कोई काम न आया. पति ने भी धोखा दिया. एक्टर्स ललिता पवार ने पहली शादी गणपतराव पवार से रचाई थी. बाद में एक्ट्रेस को पता चला कि उनके पति और उनकी सगी बहन के बीच अवैध संबंध हैं. जिसके बाद एक्ट्रेस ने गणपतराव को तलाक दे दिया. सालों बाद फिर ललिता ने राज कुमार गुप्ता से शादी की और दोनों को एक बेटा भी हुआ. लेकिन उनकी खुशियों को कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी की नजर लग गई और साल 1998 में एक्ट्रेस का निधन हो गया.