Bad Newz Review/Ashwani Kumar: ऐसा अक्सर होता है कि जब आप फिल्म का ट्रेलर देखकर, उम्मीदें लगा लेते हैं, लेकिन जब आप थियेटर में पहुंचते हैं तो आपकी उम्मीदें धराशायी हो जाती हैं। बैड न्यूज के साथ ऐसा ही हुआ है। धर्मा प्रोडक्शन के बैनर तले बनी बैड न्यूज में विक्की कौशल, तृप्ति डिमरी और एमी विर्क जैसे स्टार्स हैं, जिनकी जुगलबंदी को देखकर लगा था कि ये बैड न्यूज, बॉक्स ऑफिस पर गुड न्यूज लेकर आएगी, मगर जब थियेटर में पहुंचे, तो लगा ट्रेलर में जितना खेल दिखाया गया था, वो असल में पिक्चर का बेस्ट पार्ट था, तो आप को झटका सा लगता है।
दिमाग और लॉजिक का कोई खास काम नहीं
ऐसा नहीं है कि बैड न्यूज बुरी फिल्म है, दरअसल ये एंटरटेनर है, जिसमें दिमाग और लॉजिक का कोई खास काम नहीं है। कहानी वही है, जो आपने ट्रेलर में देखी है, जहां एक पंजाबी शादी में सलोनी बग्गा और अखिल चढ्ढा मिलते हैं। दोनों की केमिस्ट्री क्लिक होती है, लेकिन बीच में आता है सलोनी का सपना, शेफ्श का ऑस्कर – मिराकी अवॉर्ड जीतना है। अखिल के साथ प्यार का चक्कर, शादी के फेरों तक पहुंच जाता है, लेकिन मम्मी के साथ हर घंटे फोन पर रहने वाले अखिल चढ्ढा की सलोनी के लिए मोहब्बत में अड़ंगे भी खूब हैं। डिवोर्स, फिर शहर बदलना और फिर रिवेंज लव स्टोरी के चक्कर में मसूरी के गुरबीर पन्नू की एंट्री होती है और फिर एक साथ, एक ही रात में दो पन्नू और चढ्ढा के प्यार का पुरस्कार – वन्स इन ए मिलियन केस में बदल जाता है – हेट्रोपैटरनल सुपरफेकन्डेशन यानी दो अलग-अलग स्पर्म, दो अलग-अलग एग्स को एक ही टाइम – एक ही लेडी के अंदर फर्टिलाइज कर देता है और फिर शुरु होती है – अखिल चढ्ढा – सबसे वड्डा और पन्नू के प्यार की तकरार, जिसमें वुमेन इम्पॉवरमेंट का मसाला, ‘मोहब्बतें’, ‘कुछ-कुछ होता है’, ‘दिल तो पागल है’ और ‘डुप्लीकेट’ के अलग-अलग फिल्मों के रिफरेंस लेकर भरी गई कॉमिक सिचुएशन, जिसमें ‘कबीर सिंह’, ‘मनमनर्जियां’, ‘ऐ दिल है मुश्किल’ को लेकर भरे गए जोक्स और धर्मा की ही 5 साल पहले आई अक्षय कुमार, दिलजीत दोसांझ, करीना कपूर और कियारा आडवाणी स्टारर – गुड न्यूज वाला फॉर्मूला, जिसमें IVF प्रोसेज में हुई गड़बड़ से दो अलग-अलग डैडी के स्पर्म, दो अलग-अलग मांओं के एग्स से फर्टिलाइज होकर आपस में बदल जाते हैं।
कई फिल्मों के रिफरेंस की भरमार
अब बैड न्यूज के साथ मुश्किल ये हैं कि इतनी सारी फिल्मों का रिफरेंस लेकर, ये फिल्म एक बार भी आपको अपने आपमें ओरिजिनल फिल्म होने का अहसास नहीं देती। दूसरा, राइटर – इशिता मोइत्रा और तरुण डूटेजा का स्क्रीनप्ले तेज रफ्तार से भागता तो है, लेकिन आपको फुल प्रेडिक्टेबल स्क्रीनप्ले देता है। जहां ‘रॉकी और रानी की प्रेम कहानी’ के रणवीर सिंह के कैरेक्टर की तरह, विक्की कौशल का किरदार, बिल्कुल वैसा ही शोशेबाजी करता है। डायरेक्टर आनंद तिवारी ने फिल्म को संभाला भी है, एंटरटेनमेंट भी भरा है, लेकिन वो सिचुएशनल ना होकर फोर्स्ड लगता है, जो कहीं-कहीं हंसाता है, तो इमोशनल सीन्स को भी मेलो ड्रामैटिक बना देता है।
बैड न्यूज वैसे तो स्टैंड अलोन फिल्म है, लेकिन इसे आप गुड न्यूज का एक्सेटेंशन मानेंगे, जो पहले के मुकाबले इस बार 19 है।
गाने
गाने के मामले में शाहरुख-जूही और सोनाली बेंद्रे के गाने ‘मेरे महबूब मेरे सनम’ का बैकग्राउंड में ओवर यूज आपको चिढ़ाता है, हांलाकि क्लाइमेक्स में ‘तौबा-तौबा’ पर आप विक्की कौशल को देखने के लिए रूके रहते हैं।
परफॉरमेंस
परफॉरमेंस में विक्की कौशल ने कोई कसर नहीं छोड़ी है, कॉमेडी से डांस तक, इमोशन्स से रोमांस तक अपना इतना कौशल दिखाया है कि वो पूरी फिल्म की जान बने हुए हैं। सलोनी बनी तृप्ति डिमरी खूबसूरत भी लगीं हैं और उन्होने काम भी अच्छा किया है, लेकिन सच ये है कि तृप्ति का काम हम इससे बेहतर कई बार देख चुके हैं। गुरबीर पन्नू बने गुड ब्वॉय – गुजराती पंजाबी, लेकिन मंसूरी में रहने वाले होटेलियर के कैरेक्टर में एमी विर्क बहुत जंचे हैं और अपने किरदार में खूब कमाल काम भी किया है। हां, फिल्म की शुरुआत – मिड और क्लाइमेक्स में अन्नया पांडे को बतौर बॉलीवुड सुपरस्टार दिखाने के धर्मा फॉर्मूले से आपको कोफ्त जरूर होगी। नेहा शर्मा का कैमियो और नेहा धूपिया का काम दोनों ज्यादा ही ड्रामैटिक है।
बिना दिमाग पर जोर लगाए, हंसने के मूड में है – तो जाकर थियेटर में बैड न्यूज देख सकते हैं। लेकिन ज्यादा उम्मीदें मत पालिए।
बैड न्यूज को 2 स्टार।
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