एक दौर था जब बॉलीवुड में चारों ओर बस शम्मी कपूर का जादू था। शमशेर राज कपूर उर्फ शम्मी कपूर सिर्फ बॉलीवुड पर ही नहीं देश भर की लड़कियों के दिल पर भी करते थे राज। शम्मी कपूर जब अपनी हीरोइन के आगे पीछे घूमते हुए उसकी शान में कसीदे कसते थे तो वो उनपर कुर्बान हो जाती थी। उनके लटके झटकों की लड़कियां दीवानी थीं। शम्मी कपूर की खासियत उनकी रूमानी अदा थी। उस दौर में लड़कियां उनपर मरती थी।बॉलीवुड की हीरोइंस हो या फिर आम लड़कियां सबकी चाहत थे शम्मी।
ब़ॉलीवुड में शम्मी का पहला प्यार थी गीता बाली। गीता बाली शम्मी से उम्र में दो साल बड़ी थी ।दोनों के बीच फिल्म रंगीत रातें के लोकेशन पर प्यार हुआ। रानीखेत की खूबसूरत वादियों में शम्मी गीता बाली पर मर मिटे।
मुंबई वापस लौटते ही ये प्यार इस कदर परवान चढ़ गया कि एक दिन दोनों मुंबई के मंदिर में जाकर शादी कर ली। 23 अगस्त 1955 में उस वक्त की मशहूर एक्ट्रेस गीता बाली ने स्ट्रगलर शम्मी कपूर से शादी रचा ली।
लेकिन सिर्फ दस सालों तक रहा गीता और शम्मी का साथ। 9 जनवरी 1965 को गीता बाली चेचक की बीमारी से चल बसी और अपने पीछे दो बच्चों को छोड़ गई। शम्मी कपूर टूट गए।
इसके बाद शम्मी की लाइफ में आई मुमताज। फिल्म ब्रहम्चारी के सेट पर पनपा ये प्यार। करीब दो साल तक शम्मी और मुमताज के बीच संबंध रहे।
शम्मी मुमताज से शादी करना थे लेकिन मुमताज बॉलीवुड में अपना करियर बनाना चाहती थी उस वक्त उनकी उम्र महज 18 साल की थी लिहाजा मुमताज ने शम्मी से शादी नहीं की । 1969 में एक बार फिर शम्मी की जिंदगी में बहार आई। शम्मी ने अपनी एक फैन नीला देवी से शादी की। नीला भावनगर रियासत की राज कुमारी थी और शम्मी की बहुत बड़ी फैन भी।
एक पार्टी में शम्मी अपनी इस फैन से मिले थे और फिर दोनों ने शादी कर ली। करीब 44 सालों से दोनों का साथ रहा । नीला ने अपने बच्चे नहीं पैदा किए शम्मी और गीता बाली के बच्चों को ही उन्होंने अपना माना। बीमारी के दौरान वो शम्मी के साथ साए की तरह रही लेकिन अब उनके पास भी शम्मी की यादों के सिवा कुछ नहीं बचा।