Rakesh Roshan की लाइफ बदलने वाला क्या है ‘K’ अक्षर का राज? जानकर हो जाएंगे हैरान!
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Rakesh Roshan Birthday and his 'K' connection: बॉलीवुड के फेमस निर्माता-निर्देशक और एक्टर राकेश रोशन (Rakesh Roshan ) का आज बर्थडे है। आज किसी पहचान के मोहताज नहीं राकेश ने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत बतौर निर्देशक के असिस्टेंट के रूप में की थी। राकेश ने अपने जीवन में मेहनत के दम पर मुकाम हासिल किया और एक्टर से डायरेक्टर बन इंडस्ट्री को कई बेहतरीन फिल्में दी। लेकिन क्या आपने कभी नोट किया है कि उनकी हर फिल्म का नाम K अक्षर से ही क्यों शुरू होता है?
अगर नहीं तो जरा एक बार सोचिए तो आपको भी पता चलेगा कि वाकई में राकेश की हर फिल्म के नाम का पहला वर्ड के ही होता है। आखिर एक्टर को K से इतना प्यार क्यों हैं , तो चलिए अभिनेता के जन्मदिन के मौके पर हम जानते हैं कि उनके K के प्यार के बारे में साथ ही कुछ और बातें जो शायद आप न जानते हों।
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फैन के एक खत ने बदल दी जिंदगी
आज एक्टर के जन्मदिन के मौके पर हमारी ओर से एक्टर को जन्मदिन की बहुत बधाई। साथ ही आज हम एक्टर के जीवन से जुड़े K अक्षर का सच आपके सामने ला रहे हैं। कई लोगों के मन में भी ये सवाल उठता होगा की राकेश अपनी हर फिल्म का नाम K से ही क्यों रखते हैं और वो हिट भी होती हैं। दरअसल इसके पीछे एक किस्सा है। हुआ यूं कि, साल 1984 में रिलीज हुई फिल्म 'जाग उठा इंसान' और 1986 में आई 'भगवान दादा' बॉक्स ऑफिस पर बुरी तरह फ्लॉप हुईं। उसी दौरान राकेश के एक फैन का खत उनके पास पहुंचा जिसने उनकी जिंदगी बदलकर रख दी।
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फैन ने खत में लिखा था कि आप अपनी फिल्मों का नाम 'K' अक्षर से रखें। वो इसलिए क्योंकि उनकी हर फिल्म जो भी के 'K' से शुरू हुईं जैसे- 'खूबसूरत', 'खट्टा मीठा', 'कामचोर' और 'खानदान' सभी हिय साबित हुईं। हालांकि इससे पहले कभी भी राकेश ने इस बात पर ध्यान नहीं दिया था। इसके बाद साल 1987 में फिल्म 'खुदगर्ज' आई जो सुपरहिट रही, इसके बाद से ही राकेश और 'K' के का ऐसा नाता हो गया कि उनकी हर फिल्म इसी अक्षर से शुरू हुई।
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क्यों बाल्ड लुक रखते हैं राकेश रोशन
राकेश रोशन के फैंस के मन में अक्सर ये सवाल उठता होगा कि वो अपने सिर पर एक भी बाल क्यों नहीं रखते हैं। जबकि उनके बेटे रितिक रोशन के इतने अच्छे बाल हैं। तो हम आपको बता दें कि ये कोई बीमारी नहीं बल्कि मन्नत का असर है। दरअसल हुआ यूं कि राकेश की दो फिल्में बैक टू बैक फ्लॉप हो गईं। इसके बाद साल 1987 में फिल्म खुदगर्ज आई जिससे एक्टर को बहुत उम्मीदें थी।
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इसी फिल्म की सफलता के लिए वो तिरुपति गए और मन्नत मांगी की अगर उनकी फिल्म हिट होती है तो वो अपने बाल दान कर देंगे। हुआ भी ऐसा ही, खुदगर्ज सुपर-डुपर हिट साबित हुई और राकेश ने मन्नत के अनुसार अपने बाल दान कर दिए और तब से लेकर अब तक वो बाल्ड लुक में ही नजर आते हैं।
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