TrendingEntertainment NewsBollywood NewsLatest NewsTrending News

---Advertisement---

Lata Mangeshkar Birth Anniversary: इस गाने को गाते वक्त 8 घंटे पैरों पर खड़ी रहीं लता मंगेशकर, जानें वजह

Lata Mangeshkar Birth Anniversary: लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) एक ऐसी गायिका, जिनके गानों को सुनकर लोग सुद-बुध खो बैठते हैं। भारत की स्वर कोकिला लता मंगेशकर आज इस दुनिया में नहीं हैं लेकिन उनकी कमी हमेशा ही खलती हैं। जब भी गानों की बात होती हैं तो आज भी लता दीदी का नाम सबसे पहले […]

Lata Mangeshkar
Lata Mangeshkar Birth Anniversary: लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) एक ऐसी गायिका, जिनके गानों को सुनकर लोग सुद-बुध खो बैठते हैं। भारत की स्वर कोकिला लता मंगेशकर आज इस दुनिया में नहीं हैं लेकिन उनकी कमी हमेशा ही खलती हैं। जब भी गानों की बात होती हैं तो आज भी लता दीदी का नाम सबसे पहले आता है। लता मंगेशकर की आज बर्थ एनिवर्सरी हैं और आज हम आपको उनकी कुछ अनकहीं बातें।

इस दिन हुआ लता मंगेशकर का जन्म

लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) का जन्म 28 सितंबर 1929 में हुआ। उनके गीत और आवाज आज भी लोगों के जहन में बसे हुए हैं। लता मंगेशकर 19 साल की थीं जब उन्होंने 'आने वाला आएगा' गाया था। इस गाने में उनकी आवाज ने लोगों को उनका दीवाना बना दिया था लेकिन इस गाने के पीछे एक अलग ही कहानी है। कहा जाता है कि, गाने की रिकॉर्डिंग के लिए एक अलग प्रभाव की जरूरत थी लेकिन उस वक्त इतनी तकनीके नहीं थी कि कुछ बदलाव किए जाए। यहाँ पढ़िए – Antara Srivastav Note: राजू श्रीवास्तव की बेटी अंतरा ने अमिताभ बच्चन का किया शुक्रिया, कही दिल की बात

ऐसे हुआ लता दीदी का गाना रिकॉर्ड

लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) फिर एक योजना बनाई जिसका खुलासा नसरीन मुन्नी कबीर ने 'लता मंगेशकर: इन हर ओन वॉयस' पुस्तक में किया। इस बुक में उन्होंने लिखा था कि, 'हमने गीत को ध्वनि बनाने का फैसला किया जैसे कि ये बहुत दूर से आ रहा था, इस तरह का प्रभाव पैदा करने के लिए। मैं स्टूडियो के एक कोने में खड़ा था और कमरे के बीच में माइक्रोफोन लगा हुआ था। पहला श्लोक गाते हुए, मैं धीरे-धीरे माइक की तरफ बढ़ा, और जब मैं उसके करीब था, तो मैंने मुख्य गीत गाया। हमने इस प्रक्रिया को कई बार दोहराया और आखिरकार गाना रिकॉर्ड हो गया।'

नसरीन मुन्नी कबीर ने कही थी ये बात

लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) को लेकर उन्होंने कहा था कि, लता ने 1940 में जो समर्पण दिखाया था, वो 2000 के दशक में भी देखने को मिला। लगभग 6 दशक बाद, जब लता एक बेहतरीन सिंगर बनी तो उनमें संगीत के प्रति वहीं जुनून था जो पहली बार देखने पर मिला। एक समय ऐसा आया जब लता कम गाने गाती थी और उनको एक बार मेहरा की 'रंग दे बसंती' के लिए गाने का ऑफर किया। पहले तो वो राजी नहीं हुई लेकिन बाद उन्होंने ये गाना गाया।

इस गाने को गाते वक्त 8 घंटे पैरों पर खड़ी रहीं लता दीदी

लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) को लेकर फिल्म डायरेक्टर राकेश ओमप्रकाश मेहरा ने एक बात कही थी जिसमें उन्होंने बताया कि 'लुका छुपी' गाते हुए, लता 8 घंटे से ज्यादा समय तक अपने पैरों पर खड़ी रहीं। उस समय, वो अपने 70 के दशक में थी। राकेश ओमप्रकाश मेहरा ने अपनी एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि, 'हर दिन वो स्टूडियो में आती और गाने की रिहर्सल करना शुरू कर देती। 4 दिनों तक उसने रिहर्सल की जिसे कभी भुलाया नहीं जा सकता। यहाँ पढ़िए –  Dekho Dekho Song Out: 'गॉड फादर' का नया गाना 'देखो-देखो' रिलीज, एक्शन मोड में दिखे मेगास्टार चिरंजीवी

13 साल की उम्र में गाया पहला गाना

लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) ने महज 13 साल की उम्र में गीत गाने शुरू कर दिए थे। लता मंगेशकर ने 13 साल की उम्र में उन्होंने पहला गाना गाया। वहीं उन्होंने लगभग 30 हजार से ज्यादा गाने गाए और उन्हें कई पुरस्कारों से सम्मानित भी किया गया। वहीं लता मंगेशकर आज इस दुनिया में नहीं हैं लेकिन वो फिर भी हमारे बीच अपने गानों, अपनी आवाज, अपने किरदार, हर तरह से हम सभी में हैं। यहाँ पढ़िए – बॉलीवुड से जुड़ी ख़बरें

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 and Download our - News24 Android App. Follow News24 on Facebook, Telegram, Google News.