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Happy Birthday Gulzar: गैराज में काम करके गुजारा करते थे गुलजार, जानें जिंदगी से जुड़ी अनकही बातें

Happy Birthday Gulzar: मशहूर गीतकार गुलजार (Gulzar) को आज किसी पहचान की जरूरत नहीं हैं। उन्होंने अपनी एक अलग ही पहचान बनाई हैं। वो लाखों-करोड़ों लोगों के दिलों पर राज कर रहे हैं। उनके गीत और कविताएं आज भी लोग सुनना और पढ़ना पसंद करते हैं। वहीं गुलजार आज अपना 88वां जन्मदिन मना (Gulzar Birthday) […]

Happy Birthday Gulzar: मशहूर गीतकार गुलजार (Gulzar) को आज किसी पहचान की जरूरत नहीं हैं। उन्होंने अपनी एक अलग ही पहचान बनाई हैं। वो लाखों-करोड़ों लोगों के दिलों पर राज कर रहे हैं। उनके गीत और कविताएं आज भी लोग सुनना और पढ़ना पसंद करते हैं। वहीं गुलजार आज अपना 88वां जन्मदिन मना (Gulzar Birthday) रहे हैं और इस खास दिन पर हम आपको बताएगें उनकी जिंदगी से जुड़ी कुछ बातें।   और पढ़िए – दीपिका पादुकोण ने बनाया रिकॉर्ड, UGC रिपोर्ट में सबसे आगे

जानें गुलजार का पूरा नाम

गुलजार का पूरा नाम संपूर्ण सिंह कालरा (Sampooran Singh Kalra) है। उनका जन्म 18 अगस्त 1934 को पंजाब के झेलम में हुआ जो कि अब पाकिस्तान में हैं। बंटवारे के बाद गुलजार का परिवार अमृतसर आ गया था लेकिन वो वहां वो रहना नहीं चाह रहे थे जिसके बाद वो मुंबई आ गए और मुंबई आकर उन्होंने अपना एक नया सफर शुरू किया।

सिनेमा में भी दिया योगदान

गुलजार एक इंडियन गीतकार के साथ-साथ कवि, निर्देशक, निर्माता, लेखक हैं जिन्होंनें हिंदी सिनेमा में भी काम किया। मुंबई आने के बाद वो अपना खर्चा कैसे चलाते इसलिए उन्होंने एक गैराज में काम करना शुरू कर दिया। उनको कविताएं लिखने का शोक था तो उनको जब भी समय लगता था वो गैराज का काम पूरा करके कविताएं लिखते थे।

गैराज में काम करते थे गुलजार

गैराज में काम करने के बाद ऋषिकेश मुखर्जी और हेमंत कुमार के साथ काम किया और यही से उनके करियर की शुरुआत हो गई। एक दिन उन्हें फिल्म 'बंदिनी' में लिरिक्स लिखने का मौका मिला और इस फिल्म के लिए उन्होंने ‘मोरा गोरा अंग लेई ले’ गाना लिखा जो कि काफी लोकप्रिय हुआ और फिर उन्होंने एक से बढ़कर एक गाने लिखे।

इस वजह से राखी से हुए जुदा

उनकी जिंदगी की बात करें तो, गुलजार की लाइफ में काफी उतार-चढ़ाव रहे। कहा जाता है कि जब उन्होंने राखी को देखा तो वो अपना दिल हार बैठे थे। साल 1973 में दोनों ने एक दूसरे से शादी कर ली। ये भी कहा जाता है कि, गुलजार नहीं चाहते थे कि राखी फिल्मों में काम करें जिसकी वजह से दोनों के रिश्ते में परेशानियां आने लगी और अंत में उन्हें अलग होना पड़ा   और पढ़िएमलाइका की पार्टी में शामिल हुईं अर्जुन की बहन, एक्ट्रेस को भाभी बनाने के लिए रेडी हैं अंशुला कपूर!  

इन खिताबों को गुलजार ने किया नाम

गुलजार ने कई पुरस्कार भी अपने नाम किए। साल 2004 में गुलजार को भारत सरकार ने पद्म भूषण से सम्मानित किया गया। इसी के साथ ‘स्लमडॉग मिलेनियर’ के गाने ‘जय हो’ के लिए गुलजार को बेस्ट ओरिजनल स्कोर का अवॉर्ड मिला। उन्होंने कई कविताएं और गाने लिखे जो आज भी लोगों के जहन में बसे हुए हैं।   यहाँ पढ़िए - बॉलीवुड से  जुड़ी ख़बरें Click Here - News 24 APP अभी download करें

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