Actor Piyush Mishra: बॉलीवुड के दिगज अभिनेता पीयूष मिश्रा ने अपने शुरुआती जीवन की एक दर्द भरी घटना बयां की है। उन्होंने बताया की उनकी एक महिला रिश्तेदार ने उनका यौन शोषण किया। अभिनेता ने सातवीं कक्षा में अपने यौन शोषण की बात खुलकर बताई। एक्टर ने अपनी आत्मकथात्मक उपन्यास ‘तुम्हारी औकात क्या है पीयूष मिश्रा’ में इस घटना के बारे में जिक्र किया है। यह बात करीब 50 साल पुरानी है। पीयूष मिश्रा कहते हैं कि उस घटना ने उन्हें झकझोर कर रख दिया था।
पीटीआई से पीयूष मिश्रा ने की बात
अपने साथ हुई इस घटना के बारे में पीयूष मिश्रा ने पीटीआई से भी बात की और बताया कि, ‘करीब 50 साल पुरानी बात है। मैं 7वीं कक्षा में पढ़ता था। गर्मियों के दिन चल रहे थे। मैंने किताब में सिर्फ सच लिखा है, लेकिन लोगों के नाम बदले हैं, क्योंकि मैं किसी से बदला नहीं लेना चाहता। पियूष मिश्रा आगे कहते हैं, मैं उस घटना से बहुत बुरी तरह डर गया था। जो भी हुआ मैं उससे हैरान रह गया।’
काफी लम्बे समय के बाद दूर हुआ डर
पीयूष मिश्रा ने कहा कि हालांकि इस घटना ने उनके जीवन पर गहरा प्रभाव छोड़ा, लेकिन वो कभी भी उस व्यक्ति से बदला नहीं लेना चाहते थे। उन्होंने आगे कहा, ‘शारारिक संबंध इतनी स्वस्थ चीज है कि इसके साथ जब भी आपका पहली बार सामना हो रहा है, तो ये अच्छा होना चाहिए। नहीं तो ये आपको जीवन भर के लिए डरा देता है, आपको जीवन भर के लिए परेशान कर देता है। उस यौन हमले ने मुझे जीवनभर के लिए उलझाकर कर रख दिया। इससे बाहर आने में मुझे काफी समय लगा और कई साथी भी’।
मैं किसी को चोट नहीं पहुंचाना चाहता
पियूष मिश्रा ने कहा, मैं कुछ लोगों की पहचान छुपाना चाहता था। उनमें से कुछ महिलाएं हैं, और कुछ पुरुष जो अब फिल्म जगत में अच्छी तरह से सेटल हैं। मैं किसी से बदला नहीं लेना चाहता था, न ही किसी को चोट पंहुचाना चाहता था। मैंने किताब में सिर्फ सच लिखा है, लेकिन लोगों के नाम बदले हैं, क्योंकि मैं किसी से बदला नहीं लेना चाहता।
किताब संतप त्रिवेदी को बनाया अपना कैरेक्टर
वहीं, किताब में पीयूष मिश्रा ने अपने पुरे जीवन का सफर बताने के लिए एक किरदार संतप त्रिवेदी या हेमलेट के रूप में किया है। उनको नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा के दिनों में इसी नाम से जाना जाता था। पीयूष मिश्रा को बचपन से ही सिंगिंग और म्यूजिक में रुचि थी। पेंटिंग्स, मूर्तियों, कविता और फिर रंगमंच की ओर उनका रुख हुआ। एक्टर पीयूष मिश्रा की खासियत ये है कि उन्होंने इन सभी चीजों में लोगों का दिल जीता है।
पियूष मिश्रा के पिता चाहते थे वो डॉक्टर बने
अभिनेता आगे कहते हैं, उनके पिता ने उन पर मेडिकल में करियर बनाने के लिए कहा था। उनके पिता चाहते थे कि उनका बेटा डॉक्टर बने, लेकिन पीयूष मिश्रा ने बीच में ही पढ़ाई छोड़ दी और 20 साल की उम्र में एनएसडी में एडमिशन ले लिया। उसके बाद एक्टर पियूष मिश्रा की थिएटर और एक्टिंग की दुनिया का सफर शुरू हुआ। पीयूष बताते हैं कि शुरुआत में वो दिल्ली छोड़कर मुंबई नहीं आना चाहते थे। लेकिन दोस्तों ने मुंबई में करियर शुरू किया तो आखिरकार वो भी सपनों के शहर पहुंच गए।
बॉलीवुड में पीयूष मिश्रा की फिल्में
पीयूष मिश्रा ने बॉलीवुड की दुनिया में कई बड़ी फिल्मों में काम किया है। उन्होंने विशाल भारद्वाज की ‘मकबूल’ (2004), अनुराग कश्यप की ‘गुलाल’ (2009) और खासकर 2012 में रिलीज ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’ से एक एक्टर, सिंगर, सॉन्ग राइटर, स्क्रीनप्ले राइटर के तौर पर पहचान बनाई। एक्टर कहते हैं, ‘हो सकता है कि जिस तरह से मैं कुछ कहता हूं, वो मुझे युवाओं से जोड़ता है, या मैं उनके बारे में, उनके मुद्दों के बारे में बात करता हूं… ये भी हो सकता है कि वो मुझमें किसी ऐसे व्यक्ति को देखते हैं, जो भारी शब्दों का इस्तेमाल नहीं करता।’